भारत के लिए ‘करो या मरो’ के मोड़ पर: इंग्लैंड के खिलाफ तीसरा टेस्ट

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नाटिंघमः दुनिया की नंबर एक भारतीय टेस्ट टीम मेजबान इंग्लैंड के हाथों मौजूदा सीरीज में 0-2 से पिछड़ चुकी है और शनिवार से शुरू होने जा रहे तीसरे करो या मरो के नाटिंघम टेस्ट में उसकी निगाहें हर हाल में वापसी और अपनी उम्मीदें बरकरार रखने पर लगी हुई हैं। विराट कोहली की अगुवाई में भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर बड़े उलटफेर के इरादे से गई तो थी लेकिन अब तक के परिणाम निराशाजनक रहे हैं। विदेशी जमीन पर खराब रिकार्ड के लिये हमेशा आलोचना झेलने वाली टीम इंडिया यदि नाटिंंघम में हारती है तो वह पांच मैचों की सीरीज को 0-3 से गंवा देगी, ऐसे में कप्तान विराट भी कह चुके हैं कि उनका ध्यान फिलहाल नाटिंघम टेस्ट जीतकर स्कोर 2-1 करना है।

भारत को पहले एजबस्टन टेस्ट में 31 रन से और दूसरे लॉर्ड्स टेस्ट में पारी और 159 रन के बड़े अंतर से हार झेलनी पड़ी थी। भारतीय टीम को इंग्लैंड ने इस मैच में हर विभाग में पछाड़ा और मैच को मात्र चार दिन में ही समाप्त कर दिया जिसे लेकर विराट काफी निराश दिये और उन्होंने माना कि टीम के चयन में गलती हुई।  इस मैच में इंग्लैंड ने अपनी गेंदबाजी से टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम की पोल खोल कर रख दी और एक बार फिर साफ हो गया कि भारत अपने स्टार बल्लेबाज विराट पर किस कदर निर्भर है और उनके फ्लाॅप होने की स्थिति में बाकी बल्लेबाजी क्रम बिखर जाता है, वहीं ओपनिंग क्रम की नाकामी उसका सबसे बड़ा सिरदर्द बनी हुई है।

इन खिलाड़ियों ने किया निराश
मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा, लोकेश राहुल, अजिंक्या रहाणे, मध्य निचले क्रम पर ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने रनों के मामले में अब तक निराश किया है। ओपनर मुरली विजय ने पिछली चार पारियों में 0,0,20,6 का बेहद खराब स्कोर बनाया है तो भरोसेमंद टेस्ट बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने लॉर्ड्स टेस्ट में 1,17 रन की पारियां खेली हैं। टीम के लिए अकेले विराट ही हैं जो पारियों में एक शतक और एक अर्धशतक लगा पाये हैं। उन्होंने एजबस्टन में 149 और 51 रन बनाए लेकिन दूसरे मैच में 23 और 27 रन ही बना सके। बाकी बल्लेबाजों से उन्हें कोई मदद नहीं मिली और टीम फिर बड़ी साझेदारी की कमी के कारण जीत से वंचित रह गयी।  विराट ने लॉर्ड्स में पारी की हार के बाद कहा, ”हमें पहले भी हार मिली है लेकिन लॉर्ड्स में हमें हर विभाग में हार मिली और बल्लेबाजों ने सबसे अधिक निराश किया। हमारे पास आगे गलतियां दोहराने की गुंजाइश नहीं है और सभी को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।” टीम के उपकप्तान और मध्यक्रम के बल्लेबाज रहाणे भी अब तक मैच में स्थिति संभालने में नाकाम रहे हैं जिन्होंने 15,2,18,13 रन की पारियां खेली हैं।

कप्तान के भरोसेमंद राहुल को भी टेस्ट सीरीज से पूर्व कई अलग अलग क्रम पर उतारा गया था लेकिन वह भी उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके हैं। राहुल ने 8,10,4,13 रन की पारियां खेली हैं और उनकी तथा निचले क्रम पर ऑलराउंडर पांड्या की भी काफी आलोचना हो रही है। पांड्या ने लॉर्ड्स में 11,26 रन बनाए और तीन विकेट लिये। भारतीय टीम के लिए बल्लेबाजी विभाग में व्यापक सुधार की जरूरत है जबकि चयन को लेकर सवालों के घेरे में आए कप्तान और कोच नाटिंघम टेस्ट के लिए टीम में कई बदलाव कर सकते हैं। उम्मीद है कि दिल्ली के विकेटकीपर बल्लेबाज रिषभ पंत को तीसरे मैच में पदार्पण का मौका दिया जा सकता है तो दूसरे मैच से बाहर रहे शिखर धवन भी वापसी कर सकते हैं। उंगली की चोट से उबर चुके मध्यम तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के भी अंतिम एकादश में जगह बनाने की उम्मीद है।

पंत को मिला माैका तो कार्तिक बाहर
नाटिंघम में पंत को यदि मौका मिलता है तो साफ है कि अनुभवी विकेटकीपर दिनेश कार्तिक को बाहर बैठना होगा जिन्होंने पिछले दो मैचों में बल्ले से निराश किया है। वहीं ट्रेंट ब्रिज में टीम इंडिया के अभ्यास में भी पंत ने पसीना बहाया जबकि कार्तिक उतने सक्रिय नहीं दिखे जिससे पंत के पदार्पण की संभावना काफी बढ़ गयी है। भारतीय टीम के लिये उसके मुख्य खिलाड़ियों की चोटों और खराब प्रदर्शन के अलावा विराट की फिटनेस भी चिंता का विषय है जो पूरी तरह फिट नहीं हैं और लॉर्ड्स टेस्ट में इंग्लैंड की पारी के दौरान कुछ समय मैदान से बाहर रहे थे। वहीं टीम अभ्यास में भी विराट ने काफी देर तक ट्रेनिंग सत्र में हिस्सा नहीं लिया लेकिन गेंदबाजों के साथ रणनीति पर चर्चा जरूर की। टीम इंडिया के लिये गेंदबाकाी विभाग में भी सुधार की जरूरत है। इंग्लैंड के मौसम के अनुसार वहां की पिचों को स्पिनरों के लिये मददगार माना जा रहा था लेकिन पिछले मैच में एक अतिरिक्त स्पिनर कुलदीप यादव को उतारने का निर्णय खास कारगार साबित नहीं हुआ। टीम के पास रविचंद्रन अश्विन के रूप में अनुभवी स्पिनर मौजूद है जबकि तेज गेंदबाजों में मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा अब तक प्रभावशाली रहे हैं।

स्टोक्स की हो चुकी है वापसी
वहीं नाटिंघम में यदि मध्यम तेज गेंदबाज बुमराह की वापसी होती है तो चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप को बाहर बैठना पड़ सकता है।  दूसरी ओर इंग्लैंड की टीम के लिये पहले मैच में प्रभावशाली रहे ऑलराउंडर बेन स्टोक्स को अदालत से मिली राहत अच्छी खबर लेकर आयी है जबकि पिछले दो मैचों में मिली जीत के बाद वह ऊंचे मनोबल के साथ 3-0 के साथ सीरीज में अपराजेय बढ़त बनाने के लिए उतरेगी। जो रूट की कप्तानी वाली इंग्लैंड ने पिछले लॉर्ड्स मैच में जेम्स एंडरसन, स्टुअर्ट ब्रॉड, क्रिस वोक्स और सैम करेन के रूप में चार प्रभावशाली तेज गेंदबाजों की मदद से भारतीय बल्लेबाजों की हवा निकाल दी तो उसके पास भारतीय गेंदबाजों का सामना करने के लिये जॉनी बेयरस्टो, वोक्स, रूट, जोस बटलर,कीटन जेनिंग्स के रूप में अच्छे स्कोरर हैं जो भारतीय टीम के लिए खतरा हो सकते हैं।