नार्थ-ईस्ट यूनाइटेड ने ISL के पाँचवें सत्र में अपने प्रदर्शन से सभी को चौंकाया है और इसका सबसे बड़ा श्रेय उनके कोच एल्को शेटोरी को जाता है। लेकिन आपको बता दें कि शेटोरी का नॉर्थ ईस्ट यूनाइटेड के कोच के रूप में नियुक्ति इतनी आसान नहीं थी और संभावनाओं से भरी हुई थी। यहाँ तक कि, टीम के मालिकों को आईएसएल के आयोजकों को यूनाइटेड एससी के इस पूर्व कोच को टीम की कमान संभालने के लिए मनाना पड़ा था।
आईएसएल सीजन 5 शुरू होने से पहले नार्थ-ईस्ट के लिए सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था। प्री-सीजन में वे भारत में सभी टीमों के खिलाफ संघर्ष करते दिखे और सभी टीमों में से सबसे बुरा प्रदर्शन किया।
मैदान पर खेल के अतिरिक्त अपनी टीम का बजट भी नार्थ-ईस्ट के लिए एक बड़ी चुनौती था। खिलाड़ियों की लगने वाली बोली में अगर वो किसी खिलाड़ी पर बोली लगाते थे और कोई दूसरी टीम भी उसी खिलाड़ी पर बराबर की बोली लगाती थी तो खिलाड़ी नार्थ-ईस्ट युनाइटेड में शामिल नहीं होता था क्योंकि, इसे उसका मेहनताना कम होता था।
शेटोरी ने एक कमजोर टीम ली, जिसमें कहने के लिए कोई बड़ा नाम नहीं था, और उन्हें एक ऐसी टीम में बदल दिया जो प्लेऑफ की मजबूत दावेदार बन गई है। टीम के खिलाड़ियों की चोटों के बावजूद शेटोरी ने टीम का मनोबल बढ़ाया और टीम में मौजूद विवादों और अनियमित्ताओं को अपने पक्ष में इस्तेमाल कर एक नई टीम खड़ी कर दी।
सत्र के प्रारंभ में शेटोरी ने टीम पर भरोसा जताया था और कहा था कि, “आप मिनी कूपर से फेरारी नहीं बना सकते हैं। आपको गुणवत्ता को भी देखना होगा और फिर इसे एक सिस्टम में फिट करना होगा। मेरा इरादा हमेशा जीतना है। लेकिन आपको गुणवत्ता को भी ध्यान में रखना होगा। हम अभी भी इस प्रक्रिया में हैं।”
इस सीज़न में आठ गेम खेलने के बाद जब नॉर्थएस्ट यूनाइटेड खुद को अंक तालिका में एफसी गोवा, एटीके, चेन्नई एफसी और केरल ब्लॉस्टर्स जैसी मजबूत टीमों से ऊपर दूसरे स्थान पर पाते हैं तो इससे यह साफ़ ज़ाहिर होता है कि, शेटोरी ने निश्चित रूप से अपने मिनी कूपर को फेरारी में बदलने में काफी प्रगति की है।।
इसमें कोई सन्देश नहीं है कि, शेटोरी ही ISL के पांचवें सत्र के सबसे बड़े आकर्षण हैं।