खुद सचिन की प्रतिभा को निखारकर कोच रमाकांत आचरेकर ने टीम इंडिया को एक नायाब हीरा दिया था. उन्हीं दिग्गज ने भी कुछ साल पहले भारतीय क्रिकेट के लिए एक हीरे को खोज लिया था. जी हां, हम बात कर रहे हैं इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट टीम में चुने गए पृथ्वी शॉ की.
सचिन तेंडुलकर ने स्वयं भी काफी कम उम्र में ही सफलता हासिल कर ली थी और उन्हें पृथ्वी शॉ की खास प्रतिभा को पहचाने में भी अधिक समय नहीं लगा.
तेंडुलकर ने पृथ्वी की प्रतिभा को आठ साल की उम्र में ही पहचान लिया था और उन्होंने उसे कहा था कि कोई कोच उसकी नैचुरल तकनीक को नहीं बदले.
तेंडुलकर अपने ऐप ‘100 एमबी’ पर कहा, ‘‘मैंने उसे कहा था कि भविष्य में उसके कोच उसे जितने भी निर्देश दें वह अपनी ग्रिप या स्टांस नहीं बदले. अगर कोई तुम्हें ऐसा करने के लिए कहे तो उसे कहना कि वह मेरे से बात करे. कोचिंग देना अच्छा होता है लेकिन किसी खिलाड़ी में अत्यधिक बदलाव करना नहीं.’’
इस पूर्व महान बल्लेबाज ने कहा, ‘‘यह बेहद महत्वपूर्ण है कि जब आप ऐसे विशेष खिलाड़ी को देखें तो कुछ बदलाव नहीं करें. यह भगवान का तोहफा है.’’
पृथ्वी को इंग्लैंड के खिलाफ अंतिम दो टेस्ट के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया है और तेंडुलकर को खुशी है कि उन्होंने पहली बार आठ साल की उम्र में उसे बल्लेबाजी करते देखकर उसके अंदर की प्रतिभा को भांप लिया था.
तेंडुलकर ने कहा, ‘‘लगभग 10 साल पहले मेरे एक मित्र ने मुझे युवा पृथ्वी को खेलते हुए देखने को कहा. उसने मुझे कहा कि मैं उसके खेल का आकलन करूं और उसे कुछ सलाह दूं. मैंने उसके साथ सत्र में हिस्सा लिया और खेल में सुधार के लिए कुछ चीजें बताई.’’
पृथ्वी को पहली बार खेलते हुए देखने के बाद तेंडुलकर ने अपने मित्र से कहा था, ‘‘तुम देख रहे हो? यह भविष्य का भारतीय खिलाड़ी है.’’
इस साल 18 साल के पृथ्वी की अगुआई में भारत ने अंडर 19 विश्व कप जीता. उन्होंने 14 प्रथम श्रेणी मैचों में सात शतक की मदद से 56.72 की औसत के साथ 1418 रन बनाए हैं.