रमाकांत आचरेकर की अंतिम विदाई में उपस्थित सचिन तेंदुलकर की आंखें हुई नम

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रमाकांत आचरेकर जी की अंतिम विदाई के समय सचिन तेंदुलकर के साथ कई अन्य क्रिकेटर की भी आंखें नम हुई| क्रिकेट जगत के जाने माने क्रिकेट कोच रमाकांत आचरेकर जी को क्रिकेट से जुड़े एवं अन्य सभी लोगो ने नम आँखों से विदाई दी|

गुरुवार को क्रिकेट के दिग्गज कोच रमाकांत आचरेकर जी की अंतिम यात्रा निकली| गत बुधवार को 87 बर्षीय आचरेकर जी का दिल का दौरा आने के कारण निधन हो गया| शिवाजी पार्क में गुरुवार को आचरेकर जी का दाह संस्कार किया गया, जहाँ सभी विख्यात एवं युवा क्रिकेटर शामिल थे, एवं सभी की आँखों में आंसू थे| इसके साथ ही कई लोग उन्हें श्रधांजलि देने पहुंचे| जैसे ही लोगो को पता पड़ा तभी से उनको देखने के लिए लोगो की भीड़ उमड़ना प्रारंभ हो गयी थी| यहाँ पर कई विख्यात क्रिकेट खिलाडियों को देखा गया जैसे सचिन तेंदुलकर, चंद्रकांत पंडित, विनोद काम्बली, बलविंदर सिंह संधू, ये सभी खिलाडी अंपने गुरु को अंतिम श्रधांजलि देने आये एवं सभी बहुत मायूस नज़र आये| लेकिन जब रमाकांत आचरेकर जी की अंतिम यात्रा निकल रही थी उस समय सभी क्रिकेटर ने अपने गुरु को एक अलग अंदाज़ में सलामी दी, एवं अपने बल्लों को हवा में उड़ाया|

इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार ने भीष्मचार्या पुरस्कार से सम्मानित हुए श्री रमाकांत आचरेकर को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम बिदाई नहीं दी| जब मीडिया को इस बात का पता चला तो मीडिया ने आवास मंत्री प्रकाश मेहता से यह सवाल पूछा| रमाकांत आचरेकर जी को 1990 में द्रोणाचार्य एवं 2010 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था| एवं रमाकांत आचरेकर जी के योगदान की एक झलक सचिन तेंदुलकर की बायोपिक ‘सचिन : ए मिलियन ड्रीम्स’ में भी देखने को मिली है|

रमाकांत आचरेकर जी एक ऐसी शक्शियत थे जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को कई नायाब तोहफे दिए जिनमें से एक नाम है सचिन तेंदुलकर| रमाकांत आचरेकर जी सचिन तेंदुलकर के बचपन के कोच थे और इसी कारण सचिन तेंदुलकर का रमाकांत आचरेकर जी से एक अलग प्रकार का लगाव रहा, जो उनकी आँखों में साफ़ नज़र आया| जब रमाकांत आचरेकर जी के शरीर को मैदान में रखा गया, तब वहाँ मौजूद प्रैक्टिस कर रहे खिलाडियों ने अपनी प्रैक्टिस को विराम दिया और एक स्वर में सभी ने अमर रहे का नारा लगाया| क्रिकेटर के साथ यह अन्य कोच भी शामिल थे एवं सभी ने मिलकर रमाकांत आचरेकर को भावपूर्ण श्रधांजलि दी|